नौकरशाही की वजह से बेअसर हुआ भारत-अमेरिकी समझौता : जयराम
उन्होंने उम्मीद जताई कि मोदी-ओबामा के बीच ग्रीनहाउस गैस के मुद्दे पर बनी सहमति की नौकरशाही वही दुर्गति नहीं करेगी, जो पिछली सरकार में की।
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Publish Date: Sun, 02 Nov 2014 10:40:35 PM (IST)
Updated Date: Sun, 02 Nov 2014 10:44:51 PM (IST)
नई दिल्ली। पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने रविवार को आरोप लगाया कि उद्योगजनित ग्रीनहाउस गैसों पर उनकी सरकार के समय हुए भारत-अमेरिकी समझौते के बेअसर होने का कारण नौकरशाही है।
उन्होंने कहा कि 27 सितंबर, 2013 में मनमोहन सिंह और बराक ओबामा के बीच हुई संधि और उद्योगजनित ग्रीनहाउस गैसों के मामले में 30 सितंबर, 2014 को नरेंद्र मोदी और बराक ओबामा के बीच संयुक्त वक्तव्य पर हुए दस्तखत एक जैसे ही हैं। इससे अब इस बात पर राजनीतिक सहमति बन गई है कि उद्योग जनित बाइप्रोडक्ट से उपजी ग्रीन हाउसगैसों पर देश की नीति बदलनी चाहिए।
हालांकि राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश ने उम्मीद जताई कि मोदी और ओबामा के बीच ग्रीन हाउस गैस के मुद्दे पर बनी सहमति की नौकरशाही वही दुर्गति नहीं करेगी, जो पिछली सरकार में की। फ्यूचर अर्थ इंगेजमेंट कमेटी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष जयराम ने कहा कि इसी माह पेरिस में होने वाले मॉनट्रियल प्रोटोकाल पर सम्मेलन से पहले उद्योगजनित ग्रीनहाउस गैसों पर भारत को अपना रुख बदल लेना चाहिए। उल्लेखनीय है कि पिछले साल सितंबर में संयुक्त वक्तव्य पर दस्तखत के समय जयंती नटराजन पर्यावरण मंत्री थीं। दिसंबर में उनका मंत्रालय एम. वीरप्पा मोइली ने संभाल लिया था।